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________________ दसवाँ परिच्छेद कृष्ण वासुदेव और बलभद्रका जन्म हस्तिनापुर नगरमें एक महामति नामक सेठ रहता था। उसे ललित नामक एक पुत्र था, जो माताको बहुत ही प्रिय था। एकवार सेठानीने ऐसा गर्भ धारण किया, जो बहुत ही बुरा और सन्ताप दायक था। सेठानीने उस गर्भको गिरानेके लिये अनेक उपाय किये, किन्तु कोई फल न हुआ। यथासमय उसने एक सुन्दर पुत्रको जन्म दिया, परन्तु जन्म होते ही उसने उसे कहीं फेंक देनेके लिये एक दासीके सिपुर्द कर दिया। - दासीको क्या, वह उसी समय उस बालकको लेकर वहाँसे चल पड़ी, परन्तु मकानसे बाहर निकलते ही उसका पिता सामने मिल गया। दासीके हाथमें जीवित बालकको देखकर उसने उसके सम्बन्धमें पूछताछ
SR No.010428
Book TitleNeminath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKashinath Jain
PublisherKashinath Jain Calcutta
Publication Year1956
Total Pages433
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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