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________________ २२६ नेमिनाथ चरित्र इस प्रकार सुकोशला तथा अनेक विद्याधर और भूचर राजाओंकी कन्याओंसे विवाह कर वसुदेव अब सुकोशलाकै घरमें रहने लगे और वहींपर आनन्दपूर्वक अपना समय व्यतीत करने लगे । सातवाँ परिच्छेद कनकवतीसे वसुदेवका व्याह इसी भरत क्षेत्र में विद्याधरोंके भी नगरोंको लज्जित करनेवाला पेढालपुर नामक एक नगर था । वहॉपर महाऋद्धिवान और ऐश्वर्यमें इन्द्रके समान हरिश्चन्द्र नामक राजा राज्य करते थे । उनकी पटरानीका नाम लक्ष्मीबती था। वह जैसी गुणवती थी, वैसी ही रूपवती और 'पति-परायणा भी थी । राजा हरिश्चन्द्रको वह प्राणके समान प्रिय थी । I
SR No.010428
Book TitleNeminath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKashinath Jain
PublisherKashinath Jain Calcutta
Publication Year1956
Total Pages433
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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