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________________ १.छठा परिच्छेद २२५ simicsmmm प्रभावसे मुक्त करेगा, उसीके पुत्र द्वारा जरासन्धकी मृत्यु होगी। इसलिये हमलोगोंने आपको कैद किया है।" - इतना कह वे लोग वसुदेवको वध-थानमें ले गये । वहाँपर वधिक पहलेसे ही तैयार बैठे थे। ज्यों ही वे उन्हें मारनेको उठे त्योंही भगीरथी नामक एक धात्री वहाँ आयी और वसुदेवको उनके हाथोंसे छीनकर आकाशमार्ग द्वारा उन्हें गन्धसमृद्धपुर नामक नगरमें उठा ले गयी। बात यह हुई कि वहाँके राजा गन्धारपिङ्गलके प्रभावती नामक एक कन्या थी। किसी ज्ञानीसे 'पूछने पर उसे मालूम हुआ कि उसका विवाह वसुदेवके साथ होगा। इसलिये उन्होंने भगीरथीको उन्हें ले आने के लिये भेजा था। वह ठीक उसी समय राजगृहमें पहुँची, जिस समय वधिकगण वसुदेवको मारनेकी तैयारी कर रहे थे। वसुदेवको उनके हाथोंसे छीन लेने पर वे सब अवाक् बन गये और अपनासा मुँह लेकर अपनेअपने घर चले गये। उधर गन्धपिङ्गलने वसुदेवके साथ प्रभावतीका विवाह कर दिया, इसलिये वे वहीं सुखपूर्वक दिन बिताने लगे। Frki FM ..१५
SR No.010428
Book TitleNeminath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKashinath Jain
PublisherKashinath Jain Calcutta
Publication Year1956
Total Pages433
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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