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________________ व्यक्ति को विपत्तिग्रस्त जानकर तुरन्त उसके निराकरणार्थ वहा पहुच कर दुख दूर करने मे तत्पर रहते है । आपने अपने व्यवसाय मे भी बहुत उन्नति की है और अपने परिवार मे सगठन एव व्यवस्था बनाये रखने में आप पूर्ण कुशल है । इसका यह परिणाम है कि आपकी छत्रछाया मे आपका परिवार सगठित रूप मे रह रहा है और अच्छी उन्नति कर रहा है । आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती शकलीबाई है और आपके देवकुमार, मनमोहन, चम्पतराय, उग्रसेन एवं विनोदकुमार पाच पुत्र एव दो पुत्रिया है । : निवास - सिंगवी सदन 35 साउथ बस्ती हरफूलसिंह, सदर थाना रोड, दिल्ली - 6 व्यवसाय - डी० के० जैन सूत गोला फैक्ट्री, 21 - एन बस्ती हरफूल सिंह, सदर थाना रोड, दिल्ली - 6 ग्राम - लीसोना, कार्यालय का फोन न० - 529548,511934 घर का फोन न० - 529548513989 श्री गुमानीचन्दजी के पुत्र देवकुमार आप गुमानोचन्दजी के बडे पुत्र है । आपका पिताजी के साथ व्यवसाय के निर्माण मे बहुत योगदान रहा है । आप कर्मठ कार्यकर्त्ता हैं और बुद्धिजीवी हैं । आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती प्रकाश देवी है और आपके अनिलकुमार और सजय दो पुत्र हैं । अनिलकुमार की पत्नी का नाम रीनाकुमारी है । आपका व्यवसाय एव निवास अपने सयुक्त परिवार के साथ है । मनमोहन आप श्री गुमानीचन्दजी के द्वितीय पुत्र हैं । आपकी धार्मिक कार्यों मे अच्छी अभिरुचि है । दिल्ली मे समय-समय पर आप धार्मिक गतिविधियो का आयोजन करने एव उनका प्रबन्ध करने मे तत्पर रहते है । आपकी धर्मपत्नी का नाम ब्रीजेश है । आपके एक पुत्री है । आप भी अपने पिता एवं सयुक्त परिवार के साथ कार्यरत हैं और अपने सयुक्त परिवार के साथ रहते है । चम्पतकुमार आप श्री गुमानीचन्दजी के तृतीय पुत्र है । आपकी धर्मपत्नी का नाम कुसुम जैन है । आपके मात्र तीन पुत्रिया हैं । व्यवसाय — जनरल मर्चेन्ट्स परिवार के साथ । निवास - पिता के साथ । उग्रसेन आप श्री गुमानीचन्दजी के चौथे पुत्र है । आपकी धर्मपत्नी का नाम सुधा जैन है । आपके अमित कुमार एक पुत्र तथा एक पुत्री है व्यवसाय एव निवास - पिता के साथ | मुलतान दिगम्बर जैन समाज - इतिहास के मालोक मे [ 175
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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