SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 164
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री पोखरदासजी के पुत्र श्री भागचदजी [कु तीलाल] .. 1 hi" ... " श्री भागचन्द का जन्म मुलतान नगर मे दिनाक 15-8-35 को हुआ था । आप वी ए तक शिक्षा प्राप्त कर अपने व्यवसाय मे लग गये। वृद्धि जीवी होने के नाते अपने व्यवसाय मे काफी उन्नति की है। आप समाज की कार्यकारिणी के सदस्य है । कटला पुरोहितजी जनरल मचेंट ऐमोसियेशन के मन्त्री एव कई व्यवसायिक सस्थाओ के पदाधिकारी तथा सक्रिय कार्यकर्ता है। आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती चन्द्र प्रभा जैन है। आपके राजीव व मनीप दो पुत्र तया एक पुत्री है । आप अपने पिता के साथ उपरोक्त फर्मो मे कार्यरत है और पिता के साथ रहते है । श्री वीरकुमारजी ___ श्री वीरकुमारजी श्री पोखरदासजी के दूसरे पुत्र हैं। आपका जन्म भी मुलतान मे दिनाक 12-9-39 को हुआ था। बी कॉम तक शिक्षा प्राप्त कर आप अपने पैतक व्यवसाय मे सयुक्त परिवार के साथ कार्यरत हैं। कठिन परिश्रमी होने से आपने अपने व्यवसाय मे अच्छो प्रगति की है और आप मे धर्मवद्धि भी है । आपकी पत्नी का नाम श्रीमती कौशल देवी है । आपकी मात्र तीन पुत्रिया है। अपने परिवार के साथ उपरोक्त मकान मे निवास करते है। श्री दासरामजी सिंगवी का परिवार श्री दासूराम जी जो समाज मे जिनदासमल जी के नाम से अधिक प्रख्यात थे लुणिंदामल के वशज है। जिनकी वशावली पृष्ठ 35 पर है तथा दासूराम जी का परिचय भी विशिष्ट व्यक्ति परिचय परिच्छेद पृष्ठ 77 मे दिया जा चुका है । आपके तीन पुत्र हैं -श्री चादारामजी, श्रीमाधोदासजी व श्री बलभद्रकुमारजी । जिनमे श्री चादारामजी व श्री माधोदासजी के परिवारो का परिचय आगे दिया जा रहा है, श्री वलभद्रकुमार का परिचय पहिले पृष्ठ 107 मे आ चुका है। 122 ] • मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक मे .
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy