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________________ श्री पोखरदासजी सिगवी आपका जन्म हीरानन्दजी के सुपुत्र श्री जेठानन्दजी सिंगवी के घर पर डेरागाजीखान मे हुआ । थोडे समय पश्चात् आप मुलतान आकर व्यवसाय करने लगे । प्रारम्भ मे साधारण परिस्थिति मे होते हुए भी अथक परिश्रम से आपने मुलतान मे अच्छी आर्थिक उन्नति कर ली थी और अर्हद भक्ति आदि दैनिक धार्मिक कृत्यों का पालन करते हुए जीवन यापन करने लगे । पाकिस्तान बनने के बाद आप जयपुर आकर बस गये । भाग्य ने आपका साथ दया, व्यवसाय मे आप निरन्तर प्रगति करने लगे, आपकी गणना समाज के अच्छे व्यवसायियो मे होने लगी । स्वाध्याय मे आपकी अच्छी रुचि है, आध्यात्मिक तत्व चर्चा से आपको विशेष लगाव है इसलिये कई बार आप सोनगढ़ भी जाते रहे है । स्वभाव से आप विनम्र, दयालु, परोपकारी एव धर्मनिष्ठ है । असहायो को सहायता गुप्त रूप से करते एव कराते रहते हैं । आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती किशनी देवी है । श्री भागचन्दजी [ कुंतीलाल ] व श्री वीर कुमार आपके दो पुत्र है जो स्नात्कोत्तर शिक्षा प्राप्त करने पर भी आपके साथ व्यवसाय मे कार्यरत है, उसमे उन्होने उन्नति की है । आपके निम्न सस्थान है 1. हीरानन्द पोखरदास जैन, होजरी मर्चेन्ट, कटला पुरोहितजी, जयपुर । फोन नम्बर 76822 2 वीरेन्द्रा होजरी फैक्ट्री 440 आदर्शनगर जयपुर-302004 निवास : प्लाट नम्बर 440, गली नम्बर 2, आदर्शनगर जयपुर -4 में है । • मुलतान दिगम्बर जैन समाज - इतिहास के झालोक में [ 121
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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