SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 166
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १७० मंगलमन्त्र णमोकार : एक अनुचिन्तन समाधिकी प्राप्तिके लिए प्रयत्नवाले साधक मुनि तो इसी महामन्त्रकी आराधना करते हैं। अतः मुनिके आचारके साथ इस महामन्त्रका विशेष सम्बन्ध है। जब मुनिदीक्षा ग्रहण की जाती है, उस समय इसो महामन्त्रके अनुष्ठान द्वारा दीक्षाविधि सम्पन्न की जाती है। श्रावकाचारकी प्रत्येक क्रियाके साथ इस महामन्त्रका घनिष्ठ सम्बन्ध है। धार्मिक एव लौकिक सभी कृत्योंके प्रारम्भमे श्रावक इस महामन्यका श्रावकाचार और स्मरण करता है। श्रावककी दिनचर्याका वर्णन __ करते हुए बताया गया है कि प्रात काल ब्राह्म णमोकार महामन्त्र मुहूर्तमे शय्या त्याग करनेके अनन्तर णमोकार मन्त्रका स्मरण कर अपने कर्तव्यका विचार करना चाहिए। जो श्रावक प्रात कालीन नित्य क्रियाओके अनन्तर देवपूजा, गुरुभवित्, स्वाध्याय, संयम, तप और दान इन षट्कर्मों को सम्पन्न करता है। विधिपूर्वक अहिंसात्मक ढगसे अपनी आजीविका अर्जन कर आसक्तिरहित हो अपने कार्योंको सम्पन्न करता है, वह धन्य है । श्रावकके इन षट्कमोंमे णमोकार महामन्त्र पूर्णतया व्याप्त है । देवपूजाके प्रारम्भमें भी णमोकार मन्त्र पढकर "ओं ह्रीं अनादिमूलमन्त्रेभ्यो नमः पुप्पाञ्जलिम्" कहकर पुष्पाजलि अर्पित किया जाता है । पूजनके बीच-बीचमे भी णमोकार महामन्त्र आता है। यह बार-बार व्यक्तिको आत्मस्वरूपका बोध कराता है तथा आत्मिक गुणोकी चर्चा करनेके लिए प्रेरित करता है। ___गुरुभक्तिमे भी णमोकार महामन्त्रका उच्चारण करना आवश्यक है । गुरुपूजाके आरम्भमे भी णमोकार मन्त्रको पढ़कर पुष्प चढाये जाते हैं। पश्चात् जल, चन्दन आदि द्रव्योसे पूजा की जाती है । यो तो णमोकार मन्त्रमे प्रतिपादित आत्मा ही गुरु हो सकते है। अत गुरु अर्पण रूप भी यही मन्त्र है। स्वाध्याय करनेमे तो णमोकार मन्त्रके स्वरूपका ही मनन किया जाता है। श्रावक इस महामन्त्रके अर्थको अवगत करनेके लिए द्वादशाग जिनवाणीका अध्ययन करता है। यद्यपि यह महामन्त्र समस्त
SR No.010421
Book TitleMangal Mantra Namokar Ek Anuchintan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1967
Total Pages251
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy