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________________ हम अमरिका में विद्यार्थी जीवन राजनीति-विज्ञान पूर्णसिह सच्ची वीरता mamme १ राखी बन्द भाई कन्यादान इमको सत्यदेव हम लोगांने सीखनी है । हम लोगों की सीग्वनी है। बोलने ग स्वतत्रता बालने की स्वतंत्रता | मत्यदेव उसको उस तिनका की तरह तिनके की तरह कमानी म बाटा जाय किसाना का बाटा जाय ग्नवास को ले गये | रनवास में ले गये वृन्दावनलाल वर्मा २रा का रमरण करना धारा का रमरण करना | पूर्णसिह अवस्था को अनुभव करता है| अवस्थाका अनुभव करता है | माता पिता के घर को छोड़कर माता पिता का घर छोड़कर सभी जाती की पूजा करने | सभी जाति की पूजा करने कमीनापन के लालची से कमीनपन के लालचो से प धरा मे खुदी हुई पत्थरों पर खुदी हुई कन्या के हॉश कंगना बान्ध | कन्या के हाथ में कंकरण बाधा देता है | देता है योगी के हाथों को कोई | योगी के हाथों पर चाहे... ! कुछ करे करे गायन का आये हैं । देखने आये है गिरिधर शर्मा मेस दर जाना है मम दर जाना है सत्यदेव २२० । - - MAMANDopapa - १ प्राचीन भारत में राज्याभिषेक । । अमेरिका भ्रमण (५)
SR No.010414
Book TitleMahavira Prasad Dwivedi aur Unka Yuga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaybhanu Sinh
PublisherLakhnou Vishva Vidyalaya
Publication Year
Total Pages286
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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