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________________ तथा व्यक्त और श्रव्यक्त व्यक्तित्व 'सरस्वती' सम्पादन] ( १६० - १६१ ) १ 'सरस्वती' का जन्म और शैशव १६०, २. सम्पादक द्विवेदी आदर्श और सिद्धान्त १६२, ३. लेखकों की कमी, द्विवेदी जी का घोर परिश्रम और लेखक-निर्माण १६१, ४. लेखकों के प्रति व्यवहार १६६, ५. 'सरस्वती' के विविध विषय और वस्तुयोजना १७१, ६ सम्पादकीय टिप्पणियां १७३, ७. पुस्तकपरीक्षा १७४, ६. चित्रपरिचय १७७, १०. व्यंग्यचित्र ८. चित्र १७५ १७८, ११. मनोरंजक श्लोक, हॅसी दिल्लगी एवं विनोद और आख्यायिका १८०, १२. बालसाहित्य १८१, १३ स्त्रियोपयोगी रच१८२, १५. प्रूफर्मशोवन १८२, १६. 'सरस्वती' पर १८२, १७ अन्य पत्रिकाओ पर 'सरस्वती' का प्रभाव १८५, १८८६ आठवां अध्याय नाएं १८१, १४. विषयसूची अन्य पत्रिकाओं का ऋण १८. 'सरस्वती' का ऊंचा मान . [ च । १५६ ११ नित्रकार द्विवेदी की देन १५८ सातवां अध्याय १. द्विवेदी जी की प्रारम्भिक रचनाएं २. उनके भाषादोष - क. लेखन त्रुटियां- स्वरगत व्यंजनगत ख व्याकरण की अशुद्धिया संज्ञा सर्वनाम विशेषण - विशेष्य क्रिया श्रव्यय लिंग वचन भाषा और भाषासुधार (१६२-२६३ ) १६२ १६३ १६३ १६४ १६५ १६५ १६६ १६६ १९८ १६८५ १६६
SR No.010414
Book TitleMahavira Prasad Dwivedi aur Unka Yuga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaybhanu Sinh
PublisherLakhnou Vishva Vidyalaya
Publication Year
Total Pages286
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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