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________________ ( ३०२ ) प्र. ५२६ जमालि ने गौतम के प्रश्नों के क्या उत्तर दिये थे ? इन्द्रभूति के प्रतिवाद पर जमालि हतप्रभ-सा देखता रहा। उसे कोई प्रत्युत्तर नहीं सूझा। प्र ५३० म. स्वामीने जमालि से उत्तर न देने पर क्या कहा था ? "जमालि ! मेरे ऐसे अनेक शिष्य हैं जो छद्मस्थ होते हुए भी इन प्रश्नों का यथार्थ उत्तर दे सकते हैं। तुम केवली होने का दावा करके भी निरुत्तर कैसे हो गये ? क्या केवलज्ञान का अस्तित्व बताने के लिए केवली को अपने मुख से घोषणा करनी पड़ती है ? तुम गलत धारणा एवं अहंकारवश मिथ्या प्ररूपणा करते हो। यह तुम्हारी आत्मा के लिए हितकर नहीं है। प्र. ५३१ प्रियदर्शना साध्वी श्रावस्ती में कहाँ ठहरी थी ? जमालि की उपस्थिति में ही प्रियदर्शना साध्वो भगवान के तत्वज्ञ श्रावक ढंक कुम्हार की भांडशाला में ठहरी थी। । । ५३२ ढंक श्रावक ने साध्वी प्रियदर्शना को प्रतिवोध देने के लिए उसकी संघाटी ( पछेवड़ी ) के . .
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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