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________________ ( २७७ ) . प्र. ४२१ म. स्वामी के पास शंका का समाधान करने । कौन पाया था ? उ. . रोह अनगार। प्र. ४२२ म. स्वामी ने रोह अनगार का किस विषय में समाधान किया था ? लोक-अलोक, जीव-अजीव, भवसिद्धिक-अभवसिद्धिक, सिद्धि-असिद्धि. सिद्धि और सिद्ध आदि के संबंध में समाधान किया। ' भगवान ने दोनों को ही शाश्वतभाव कह कर उनकी पूर्वापरता का निषेध किया। प्र. ४२३ म. स्वामी से इन्द्रभूति गणधर ने किस विषय में अपना समाधान किया ? उ. इन्द्रभूति गणधरने प्रभु के चरणों में वंदन कर विनयपूर्वक लोकस्थिति के सम्बन्ध में प्रश्न पूछकर अपनी शंका का समाधान किया था ? - प्र. ४२४ म. स्वामी ने २२ वाँ चातुर्मास कहाँ किया था ? उ. राजगृह नगर में। प्र. ४२५ म. स्वामी चातुर्मास के बाद विहार कर. कहाँ - पधारे थे ? . . . उ. कृतंगला नगरी में।
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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