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________________ ( २७२ ) प्र. ३६० म. स्वामी के दर्शनार्थ कौन आया था ? उ. सकडालपुत्र ।. प्र. ३६१ सकडालपुत्र कौन था ? उ. पोलासपुर का धनाढ्य गृहस्थ कुंभकार था । प्र. ३६२ सकडालपुत्र की पत्नी का नाम क्या था ? अग्निमित्रा | प्र. ३९३ सकडालपुत्र किसका समर्थक था ? उ. आजीवक परंपरा का वह प्रमुख और कट्टर समर्थक था ? प्र. ३९४ अग्निमित्रा किसकी अनुगामिनी थी ? उ. वह भी आजीवक परंपरा की अनुगामिनी थी । प्र. ३६५ सकडालपुत्र को महावीर के श्रागमन की बात किसने कही थी ? देववाणी हुई थी । उ. प्र. ३६६ देववाणो क्या हुई थी ? उ. "सकडालपुत्र ! कल प्रातः सर्वज्ञ, सर्वदशी महाब्राह्मण इस नगर में पधारेंगे, तुम उनकी वंदना-स्तवना-भक्ति करके प्रशन-पान आदि - के लिये उन्हें निमन्त्रित करना ।" ३६७ म. स्वामी ने दर्शनार्थ श्राये सकढालपुत्र को क्या कहा था ?
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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