SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 29
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ५ ) २ रे भव में प्रथम सौधर्म देवलोक में . ४ थे ७ वें ६ वें ११ वें १३ वें १५ वें १७ वें सातवें महाशुक्र २४ वें सातवें महाशुक्र २३ वें दशवें प्रारणत 'प्र. २६. म. स्वामी ने पदवियाँ प्राप्त की थी ? २७ उ. w 99 उ. " "} 11 " " " "1 33 पंचम ब्रह्म प्रथम सौधर्म द्वितीय ईशान " 11 11 तृतीय सनत्कुमार," चतुर्थ माहेन्द्र पंचम ब्रह्म 11 " 17 11 उ. ३ पदवियाँ | प्र. २७ म. स्वामी ने १७ भव के अन्तर्गत कौन-कौन सी पदवियाँ प्राप्त की थी ? " भवों के अंतर्गत कितनी १८ वें भव में त्रिपृष्ठ वासुदेव की । २३ वें भाव में प्रियमित्र २७ वें भव में तीर्थंकर महावीर की । चक्रवर्ती की । प्र. २८ म. स्वामी ने २७ भव के अंतर्गत ब्राह्मण के कितने भव किये थे ? ६ भव ।
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy