SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 286
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ A ( २६० ) प्र. ३४८ म. स्वामी के पधारने के पूर्व कौशवी पर किसने ग्रामरण किया था ? महारानी मृगावती के अपूर्व सौंदर्य से आकृष्ट हो उसको अपनी पटरानी बनाने का स्वप्न साकार करने हेतु । प्र. ३५० चंडप्रद्योत के आक्रमण से क्या हुआ था ? 3. उ. अवंतिपति चंडप्रद्योत में । प्र. ३४६ चंडप्रद्योत ने आक्रमण क्यों किया था ? उ. 4 चप्रद्योत के साथ युद्ध में शतानीक मारा गया और राजकुमार उदयन अनाथ हो गया । प्र. ३५१ चंडप्रद्योत की रानी का क्या नाम था ? उ. शिवादेवो । प्र. ३५२ चंडप्रद्योत और शतानीक का क्या संबंध था ? वे दोनों परस्पर साढू लगते थे । उ. उ. प्र. ३५३ मृगावती और शिवा देवी का क्या संबंध था ? वे दोनों सहोदरा बहनें थी । महाराजा चेटक की पुत्रियाँ थी । भगवान महावीर की बहनें ( मौसी पुत्रियां ) पु. ३५४ शतानीक की मृत्यु के बाद महारानी मृगावती ने क्या किया था ?
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy