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________________ [जिन सिद्धान्त प्रश्न-भोगान्तराय किसे कहते हैं ? । उत्तर-भोग करने में वीर्यशक्ति के अभाव को भोगान्तराय कहते हैं । जैसे धन होते हुए भी उत्तम भोग की चीज़ न खा सके। प्रश्न-उपभोगान्तराय किसे कहते हैं ? उत्तर--उपभोग करने में वीर्यशक्ति के अभाव को उपभोगान्तराय कहते हैं, जैसे धन होते हुए भी कीमती दाम का वस्त्र एवं जेवरात पहर न सके ! प्रश्न-वीर्यान्तराय किसे कहते हैं ? उत्तर-तप तथा संयम धारण करने में वीर्यशक्ति के अभाव को वीर्यान्तराय कहते हैं, जैसे तगड़ा शरीर होते हुए भी एक उपवास कर न सके। प्रश्न-पातिया कर्म किसे कहते हैं ? उत्तर-जो कर्म जीव के ज्ञानादिभाववती शक्तिका घात करे उसे धातिया कर्म कहते हैं। प्रश्न -अघाति कर्म किसे कहते हैं ? उत्तर--जो जीव के योग आदि क्रियावती शक्ति को पाते उसे अघाति कर्म कहते हैं। प्रश्न--क्रियावतो शक्ति में कौन २ गुण हैं ? उत्तर--योग, क्रिया, अवगाहना, अध्यात्राध, अगुरुलघु, शूक्ष्मत्व आदि ।
SR No.010381
Book TitleJina Siddhant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulshankar Desai
PublisherMulshankar Desai
Publication Year1956
Total Pages203
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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