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________________ जिन सिद्धान्त ] ३७ BAJAR *AKAM प्रश्न - लेश्या किसे कहते हैं ? उत्तर -- आत्मा में अनन्त गुण हैं, उनमें एक क्रिया नाम का गुण है उस गुण की विकारी अवस्था का नाम लेश्या है । लेश्या प्रवृत्ति का अर्थात् गमनागमन का नाम है । AN प्रश्न -- लेश्या कितने प्रकार की होती है ? उत्तर -- लेश्या छहः प्रकार की होती है । (१) कृष्ण लेश्या, (२) नील लेश्या, (३) कापोत लेश्या (४) पीत लेश्या, (५) पद्म लेश्या, (६) शुक्ल लेश्या । प्रश्न - - इन छह: लेश्याओं में अशुभ लेश्या कौनसी हैं ? उत्तर -- कृष्ण, नील और कापोत लेश्या को श्रशुभ लेश्या कहते हैं । प्रश्न -- लेश्या दुःखदायक है या नहीं ? उत्तर --- लेश्या दुःखदायक नहीं, परन्तु मोह कपाय दुखदायक है । केवली परमात्मा के मोह कपाय नहीं है, अनन्त सुख होते हुए भी वहां प्रवृत्तिरूप परम शुक्ल लेश्या है । लेश्या न होती तो भगवान् बिहार नहीं करते | इससे सिद्ध हुवा कि लेश्या दुःखदायक नहीं है । प्रश्न -- जड़ पाप किसका नाम है ? 1 उत्तर -- आठ कर्म में जो पाप प्रकृतियाँ हैं उनीका नाम जड पाप है जैसे- ज्ञानावरण की पांच प्रकृति, दर्शना
SR No.010381
Book TitleJina Siddhant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulshankar Desai
PublisherMulshankar Desai
Publication Year1956
Total Pages203
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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