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________________ नोज भावकोंके घर हैं ॥ खंडेलवाल श्रावकोंके घर हैं। इन सर्वजातके श्रावकोंके अंदाज चारसौ घर हैं ॥१०॥ इहांसे गाडीनाडे करे॥ पूजनकी सामग्री जादा लेवे ॥ खानेका सामान दशदिनका लेवे। उमरावतीसे तीस भील मुक्तागिरि सिद्धक्षेत्र है ॥ रस्तेमें छोटे गांवोंमें श्रावकोंके घरों में प्रतिमा हैं ॥और रस्ते में बीस मील अपर प्रतवाडकी छावनी में मंदिर एक है। खंडेलवाल श्रावक आदि जातके घर हैं । इहांसे आगे दश भील मुक्तागिरि सिद्ध क्षेत्र है। वहां पर्वतके नजीक धर्मशाला है उनमें ठहरे ॥ इस मुतागिरि पर्वत जपरसे साडेतीन करोड मुनि मुक्ति गये हैं। मंदिर बडे छोटे सर्व पच्चीस हैं ॥ इहां देव हैं उसीको जिनेंद्रकी जक्ति है सो केशरकी बर्षा करते है॥ ११ ॥ मुक्तागिरिसे येलजपुर आवे ॥ इहां मंदिर चैत्यालय हैं। इहां के जातके श्रावकोंके घर हैं । इहां हीरालालजी बघेरवाल श्रावकके मकान ऊपर चैत्याला है उसीमें प्रतिमाका समूह है। इनमें एक प्रतिमा मंगेकी कायोसर्ग ऊंची पाँच उंगलकी है ॥ १२ ॥ येलजपुरसे भातकुली आवे ये अतिशय क्षेत्र है। मंदिर पाँच हैं। इहांसे उमरावती आवे ॥ १३ ॥ उमरावतीसे टिकट नागपुरका लेवे रेलसे डेढ मील पंचायती मंदिर
SR No.010370
Book TitleJain Yatra Darpan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages61
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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