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________________ नका खानेका समान लेवे ॥ पूजनकी सामग्री लेवे। इहांसे बैष्णवका तीरथ ओंकार छमील है वहां जावे। इस. नगरमें सारा सामान रखे ॥ इहांसे पूजनकी सा. मग्नी लेवे ॥ श्राव आनेके पेसे लेवे ॥ धोती दुपट्टे लेवे नरमदा नदी बड़ी है नावमें बैठके उत्तरे फिर ओंकारके मंदिरके आगेहोके जावे इहांसे आधे मील ऊपर कावेरी नदी है सो उतरके स्नानकरके पूजनकी सामग्री धोके सामने पंथ्याग्रामसे एक आदमी साथ लेवे इहांसे पाव मील सिद्ध वरकूट है इहांसे साडेतीन करोडमुनि ॥ दोचक्रवर्ति दशकामदेव मोक्ष नये हैं ॥ इहां नया मंदिर तथा धर्मशाला बनती है ॥ इहांसे सनावद श्रावे ॥ ए ॥ सनावदसे टिकट दिनके बारावजे पीछे उमरावतीका लेवे सो दिन उगते उतरे परंतु बीचमें । तीन ठिकाने रेल बदलती है। खंडवामें॥नुसावलमें। उमरावतीसे तीन कोश. इस तरफ इष्टेसन बनेरेका है। इस रेलसे उतरके उमरावती जानेवाली रेलमें बैठे ॥ रेलके सामने धर्मशाला है उनमें ठहरें ॥ मंदिर पाँच हैं ॥ परवार श्रावकोंके पच्चीस घर हैं। सैतवालश्रावकोंके घर हैं ॥ लाडनावकोंके घर हैं। बघेरवाल श्रावकोंके घर हैं । नेवाभावकोंके घर हैं। गंगेरवाल श्रावकोंके घर हैं॥धक्कड भावकोंके घर हैं। काम
SR No.010370
Book TitleJain Yatra Darpan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages61
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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