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________________ (७) खलघाट है १ इहासे छ मील धरमपुरी है ॥ मंदिर एक है। खंडेलवाल श्रावकोंके पचास घर हैं । इहांसे बारामील बांकानेरी है।मंदिर एक है। खंडेल वालनावकोंके पचास घर हैं १ इहांसे बारा मील अंजड ग्राम है। मंदिर एक है ॥ खंडेलवाल श्रावकोंके बारा घर हैं १ इहांसे बडवानी बारामील है ॥ इहां दो धर्मशाला बडी हैं वहां ठहरें ॥ मंदिर एक है ॥ खंडेलवाल श्रावकोंके चालीस घर हैं ॥ इहांसे पूजनकी सामग्री लेके चले चार मील ऊपर सोला मंदिर नये बने हैं। इनकी प्रतिष्ठा संवत १ए४० के माघ शुक्ल तृतीयाको हुई है ॥ इहांसे भागे एक मील चूलगिरिपर्वतके ऊपर एक मंदिर प्राचीन है इनमें प्रतिमाका समूह है। इस बडवानी नगरके दक्षण नागके चूलगिरिपर्वतके शिखर विषय इंद्रजीत और कुंजकरण ये दो मुनि मुक्ति गये हैं । इहांसे पूजाकरके बडवानी नगरमे आवे ॥ ७ ॥ बडवानी नगरसे चले सो जिस रस्तेसे आयेथे उस रस्ते. होके मौकी छावनी आवे ॥ ८ ॥ मौकी छावनीसे टिकट सनावदका लेवे ॥ मंदिर एक नया बना है।.पोरवार श्रावकोंके पचास घर हैं। खंडेलवाल श्रावकोंके सात घर हैं । इहांसे छमील सिद्धवरकूट ' 'सिद्धक्षेत्र है.॥ सनावदसे गाडी जाडे करे ॥ तीन दि
SR No.010370
Book TitleJain Yatra Darpan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages61
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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