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________________ २३६ जैनतत्त्वमीमांसा शंका-अन्य द्रव्य अन्य द्रव्यके कार्यमें जब वास्तवमें सहायक नहीं होता तो अध्यात्मवृत्त जीवके व्यवहार निमित्त गौण रहता है ऐसा क्यों कहा गया है ? समाधान-इस वचन द्वारा वहां पराश्रित विकल्पको छुड़ानेका ही उपदेश दिया गया है। यहाँ 'पर' शब्दका अर्थ राग है। जो अध्यात्मवृत्त जीव है वह रागके अधीन होकर लाभ-अलाभकी कल्पना नहीं करता यह इसका तात्पर्य है। शंका-प्राक् पदवी अर्थात् सविकल्प दशामें ज्ञानीके रागके अधीन होकर प्रवृत्ति तो देखी जाती है । आगम भी इसे स्वीकार करता है । समाधान-ज्ञानीके आत्माके लाभको दृष्टिसे वह प्रवृत्ति नहीं होती। उस प्रकारके रागके होनेसे ऐसी प्रवृत्तिका होना और बात है पर उसे आत्माके लिए हितकारी मानना और बात है । ज्ञानी जीव उसे आत्माके लिए हितकारी नही मानता, इसलिये अध्यात्ममे ज्ञानीके ऐसे व्यवहारको अबुद्धिपूर्वक ही स्वीकार किया गया है। ज्ञानीके व्यवहार हेतु गौण है उसका अर्थ भी यही है। वैसे जिस कार्यके होते समय जो बाह्य और आभ्यन्तर उपाधि हेतु मानी गई है वह वहाँ भो नियमसे होती ही है उसका निषेध नहीं है। शंका-स्वाश्रित प्रवृत्ति और पराश्रित प्रवृत्ति तथा स्वाधीन और पराधीन प्रवृत्तिमें क्या अन्तर है ? समाधान-अज्ञान या मोहपूर्वक जितनी भी प्रवृत्ति होती है उसीका नाम पराश्रित या पराधीन प्रवृत्ति है तथा मोह या मिथ्यात्वके अभावमें ज्ञानीके जितनी भी बाह्य प्रवृत्ति होती है उसके होते हुए भी आत्महित गौण न होनेसे वह उसका कर्ता नहीं होता तथा स्वात्महितके कार्य में सदा युक्त रहता है, इसलिये स्वात्महितरूपसे जितनी भी आत्मोन्मुख प्रवृत्ति होती है वह स्वाधीन या स्वाश्रित प्रवृत्ति कहलाती है। शंका-जब कि स्वप्रत्यय और स्वभाव पर्यायका अर्थ एक ही है ऐसो अवस्थामें प्रकृतमें इनको परप्रत्यय क्यों कहा गया है ? समाधान-बात यह है कि पुद्गलका तो ऐसा स्वभाव है कि वह यथाविधि पर पुद्गलका योग मिलने पर स्वयं श्लेषबन्धको प्राप्त हो जाता है पर जीवकी चाल इससे भिन्न है, क्योंकि वह मोह, कषाय, योगरूप परिणत अबस्थामे ही स्वयं एक क्षेत्रावगाहरूप परिणामको प्राप्त होता है और वह तब तक उसको प्राप्त होता रहता है जब तक
SR No.010314
Book TitleJain Tattva Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchandra Jain Shastri
PublisherAshok Prakashan Mandir
Publication Year
Total Pages456
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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