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________________ १-न्याय ३-परोक्ष प्रमाणाधिकार (१४) तक किसको कहते हैं ? व्याप्ति ज्ञान को तर्क कहते हैं (यदि ऐसा न हुआ होता तो कदापि ऐसा न होता । इत्यादि प्रकार के ज्ञान को तर्क कहते हैं, क्योंकि व्याप्ति ज्ञान के बिना वह सम्भव नहीं।) (१५) व्याप्ति किसको कहते हैं ? अविनाभाव सम्बन्ध का नाम व्याप्ति है। (१६) अविनाभाव सम्बन्ध किसे कहते हैं ? जहां-जहां साधन होय वहां-वहां साध्य का होना, और जहां-जहां साध्य नहीं होय वहां-वहां साधन के भी न होने को अविनाभाव सम्बन्ध कहते हैं, जैसे जहां-जहां धूम है वहां-वहां अग्नि है और जहां-जहां अग्नि नहीं है वहां-वहां धूम नहीं है । १७. व्याप्ति कितने प्रकार की है ? दो प्रकार की-सम व्याप्ति व विषम व्याप्ति । १८. सम व्याप्ति किसे कहते हैं ? दोनों तरफ साधन की साध्य के साथ व्याप्ति को सम व्याप्ति कहते हैं । अर्थात् साधन के होने पर साध्य का अवश्य होना और साधन के न होने पर साध्य का भी न होना, जैसे जहां जहां वायु होती है वहां-वहां वृक्षों का हिलना अवश्य देखा जाता है। जहां-जहां वायु नहीं होती वहां-वहां वृक्षों का हिलना भी नहीं होता। १६. विषम व्याप्ति किसे कहते हैं ? एक तरफा व्याप्ति को विषम व्याप्ति कहते हैं। अर्थात् साधन के होने पर साध्य का अवश्य होना, पर साधन के न होने पर साध्य होवे या न भी होवे, जैसे धुएं के होने पर अग्नि अवश्य होती है, पर धुआं न होने पर अग्नि होवे या न भी होवे । (२०) साधन किसको कहते हैं ? जो साध्य के बिना न होवे जैसे अग्नि का साधन धूम है, अथवा जिस हेतु द्वारा कोई बात सिद्ध की जाये उसे साधन कहते हैं।
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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