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________________ २- द्रव्य गुण पर्याय १७१ (३४) निमित्त कारण किसे कहते हैं ? जो पदार्थ स्वयं कार्यरूप न परिणमे, किन्तु कार्य की उत्पत्ति में सहायक हो, उसे निमित्त कारण कहते हैं । जैसे घट की उत्पत्ति में कुम्हार, दण्ड व चक्रादि । ३५. निमित्त कितने प्रकार के होते हैं ? दो प्रकार के साधारण व असाधारण । ६ - अन्य विषयाधिकार ३६. साधारण निमित्त किसे कहते हैं ? जो सभी कार्यों के सामान्य रूप से सहकारी हों; जैसे गमन के लिये पृथिवी । ३७. असाधारण निमित्त किसे कहते हैं ? कार्य में सहायक विशेष सामग्री को असाधारण निमित्त कहते हैं; जैसे गमन करने में रथ घोड़ा आदि । ३८. लोक के पदार्थों में साधारण असाधारण निमित्त का विभाग करो । धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, आकाश व काल, क्रमशः गमन, स्थिति, अवगाह व परिणमन में साधारण निमित्त हैं; अन्य सर्व लौकिक पदार्थ असाधारण निमित्त हैं । तिनमें घी सामान्यपने व विशेषपने की अपेक्षा भेट हो सकता है; जैसे घड़ े की उत्पत्ति में पृथिवी साधारण निमित्त, कुम्हार, चक्र आदि असाधारण निमित्त इत्यादि । ३६. अन्य प्रकार से निमित्त कितने प्रकार के हैं ? तीन प्रकार के प्रेरक, उदासीन, बलाधान । ४०. प्रेरक निमित्त किसे कहते हैं ? इच्छा तथा क्रिया द्वारा सहकारी होने वाले पदार्थ प्रेरक निमित्त हैं; जैसे घर की उत्पत्ति में कुम्हार व चक्र तथा ध्वजा के हिलाने में वायु | प्रेरक निमित्त कार्य का नियामक है, अर्थात उसके होने पर कार्य की उत्पत्ति अवश्य होती है । ४१. उदासीन निमित्त किसे कहते हैं ? जिस तकारी पदार्थ में इच्छा व क्रिया न हो परन्तु उसके
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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