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________________ १६० ५- पर्यायाधिकार तीनों की व्यञ्जन पर्याय लोकाकाश प्रमाण है । कालाणु व परमाणु दोनों की व्यंजन पर्याय अणुरूप है । ७२. सबसे बड़ी व सबसे छोटी व्यञ्जन पर्याय किसकी ? आकाश की सबसे बड़ी और कालाणु व परमाणु की सबसे छोटी । २- द्रव्य गुण पर्याय ७३. व्यञ्जन व अर्थ पर्याय में परस्पर क्या सम्बन्ध ? व्यञ्जन पर्याय शुद्ध होने पर तो सभी अर्थ पर्याय भी अवश्य शुद्ध ही होंगी, जैसे सिद्ध भगवान । परन्तु अर्थ पर्याय शुद्ध होने पर व्यञ्जन पर्याय शुद्ध हो अथवा न भी हो; जैसे अर्हत | ७४. अर्थ पर्याय के शुद्ध होने पर व्यञ्जन पर्याय को भी शुद्ध होना पड़े क्या यह ठीक है ? नहीं, जीव में सम्यक्तवादी गुणों की अर्थ पर्याय शुद्ध होने पर भी व्यञ्जन पर्याय अशुद्ध रह सकती है । ७५. बड़ी व्यञ्जन पर्याय में अधिक पर्याय समा सकती है ? नहीं, व्यंजन पर्याय के छोटे व बड़े होने से, अर्थ पर्याय की संख्या में अन्तर नहीं पड़ता, क्योंकि सभी पर्याय द्रव्य के सर्व क्षेत्र में व्यापकर एक साथ रहती हैं । ७६. ज्ञान गुण की कितनी पर्याय होती हैं ? मति, श्रुत, अवधि व मनःपर्याय ये चारों विभाव अर्थ पर्याय हैं और केवल ज्ञान स्वभाव अर्थ पर्याय | ७७. रूप रस गन्ध व वर्ण को कितनी कितनी पर्याय होती हैं ? रूप गुण की पांच - काला, पीला, लाल, नीला, सफेद; रस गुण की पांच - खट्टा, मीठा, कड़वा, कसायला, चरपरा; गन्ध गुण की दो - सुगन्ध, दुर्गन्ध स्पर्श गुण की आठ- ठण्डा - गर्म, चिकना रूखा, हल्का- भारी, कठोर-नर्म | ७८. रूप रस आदि की स्वभाव व विभाव पर्याय क्या होती है ? उपरोक्त सर्व पर्यायें विभाव हैं । उन गुणों की स्वभाव पर्याय
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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