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________________ २- द्रव्य गुण पर्याय १६१ ५- पर्यायाधिकार स्वत्व योग्य कुछ होती अवश्य है, पर सूक्ष्म होने से केवल ज्ञान गम्य हैं, छद्मस्थ ज्ञान गम्य नहीं । वे परमाणु में ही होती हैं । ७६. परमाणु में एक समय कितनी पर्याय होती हैं ? पांच रूप रस गन्ध की पर्यायों में एक एक तथा स्पर्श की दो पर्याय । ये सभी वहां स्वभाव रूप सूक्ष्म होती हैं । 1 ८०. परमाणु में हल्का भारी तथा कठोर नर्म क्यों नहीं ? क्योंकि वे स्कन्ध के ही धर्म हैं । ८१. स्कन्ध में एक समय कितनी पर्याय होती हैं ? सात - रूप रस गन्ध की एक एक और स्पर्श की चार युगल पर्यायों में से एक एक कर कोई सी चार; जैसे ठण्डा - गर्म युगल में से कोई एक, चिकने-रूखे में से कोई एक । ये सभी विभाव रूप होती हैं। ८२. 'शब्द' क्या है ? पुद्गल द्रव्य की विभाव द्रव्य पर्याय है, क्योंकि स्कन्ध के प्रदेशों में परिस्पन्दन रूप से होती है, परमाणु में नहीं । ८३. आकार को द्रव्य पर्याय क्यों कहा ? क्योंकि पदार्थ के प्रदेशात्म विभाग को द्रव्य कहते हैं, इसलिए उसकी पर्याय को द्रव्य पर्याय कहना ठीक ही है । ८४. द्रव्य व गुण पर्याय को मापने के यूनिट क्या हैं ? द्रव्य पर्याय को मापने का यूनिट प्रदेश है, और गुण पर्याय को मापने का अविभाग प्रतिच्छेद है; क्योंकि द्रव्य प्रर्याय क्षेत्रात्मक होती है और गुण पर्याय भावात्मक । ८५. अनेक द्रव्यों की एक पर्याय और एक द्रव्य की अनेक पर्यायें क्या ? शरीर धारी जीव तथा पुद्गल स्कन्त्र अनेक द्रव्यात्म एक द्रव्य पर्याय है । प्रत्येक द्रव्य में अनेक अर्थ पर्याय होती ही हैं । ८६. द्रव्य गुण व पर्याय इन तीनों में साक्षात प्रयोजनीय क्या ? केवल पर्याय ही साक्षात व्यक्त होने से उपभोग्य है; गुण व
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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