SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 130
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २/४ जीव गुणाधिकार (१. चेतना) (१) चेतना किसको कहते हैं ? जिसमें पदार्थों का प्रतिभास (प्रतिबिम्बित) हो उसको चेतना कहते हैं। २. चेतन चेतना चैतन्य में क्या अन्तर है ? चेतना स्वभाव है, उसका आधार जो जीव द्रव्य वह चेतन है। चेतन या चेतना के भाव को चैतन्य अर्थात चेतनत्व कहते हैं । (३) चेतना के कितने भेद हैं ? दो हैं-दर्शन चेतना और ज्ञान चेतना। (अथवा तीन ह ज्ञान चेतना, कर्म चेतना और कर्मफल चेतना) ४. चेतना तथा दर्शन ज्ञान में क्या भेद है ? चेतना गुण या स्वभाव है और दर्शन ज्ञान उसकी उपयोगात्मक पर्यायें या व्यक्तियें । (५) उपयोग किसे कहते हैं ? जीव के लक्षणरूप चैतन्यानुविधायी परिणाम को उपयोग कहते हैं (अर्थात चेतना की परिणति विशेष ही उपयोग शब्द वाच्य है) (६) उपयोग के कितने भेद हैं ? दो हैं-एक दर्शनोपयोग दूसरा ज्ञानोपयोग ।
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy