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________________ २- द्रव्य गुण पर्याय ६५. रस गुण किसे कहते हैं ? जिह्वा इन्द्रिय के विषय को रस गुण कहते है, अर्थात जो चखने में आये सो रस है । १०३ ६. रस कितने प्रकार का होता है ? पांच प्रकार का है - खट्टा, मीठा, कडुआ, कसायला व चरपरा । ६७. क्या जिव्हा का विषय चखना ही है ? नहीं बोलना भी है, पर रस गुण चखे जाने वाले विषय को ही कहते हैं । ८. गन्ध किसे कहते हैं ? घ्राण इन्द्रिय के विषय को गन्ध कहते हैं । अर्थात जो सूंघकर जाना जाय । EE. गन्ध कितने प्रकार का होता है ? दो प्रकार का - सुगन्ध व दुर्गन्ध । १००. स्पर्श गुण किसे कहते हैं ? ३ - गुणाधिकार स्पर्शन इन्द्रिय के विषय को स्पर्श गुण कहते हैं, अर्थात जो छू कर जाना जाये । १०१. स्पर्श गुण कितने प्रकार का होता है ? आठ प्रकार का ठण्डा, गर्म, चिकना, रूखा, हलका, भारी, कठोर, कोमल । १०२. गति हेतुत्व गुण किसे कहते हैं ? जीव व पुद्गल को गमन में सहकारी धर्मास्तिकाय के गुण को गति हेतुत्व कहते हैं। १०३. स्थिति हेतुत्व गुण किसे कहते हैं ? जीव व पुद्गल को गति पूर्वक स्थिति करने में सहकारी अधर्मास्तिकाय के गुण को स्थिति हेतुत्व कहते हैं । १०४. अवगाहना हेतुत्व किसे कहते हैं ? सर्व द्रव्यों को अवकाश देने में समर्थ आकाश के गुण को अवगाहना हेतुत्व कहते हैं ।
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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