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________________ २-द्रव्य गुण पर्याय १०२ ३-गुणाधिकार अवश्य प्रदेशवान होना चाहिये, अन्यथा गुण व पर्याय कहां व कैसे ठहरें । अतः द्रव्य को प्रदेशवान होना ही चाहिये । ८६. द्रव्य गुण व पर्याय तीनों के आकारों में क्या अन्तर? तीनों का आकार समान है, क्योंकि गुण व पर्याय द्रव्य के सर्व भागों में व्यापकर रह रहे हैं। ६०. आकार परिवर्तन किन द्रव्यों में होता है और क्यों ? जीव व पुद्गल के ही आकारों में परिवर्तन होता है, क्योंकि क्रियावान होने से इनके प्रदेशों में ही परिस्पन्दन होता है, शेष चार में नहीं। (८. विशेष गुण) (६१) विशेष गुण किसे कहते हैं और कौन कौन से है ? जो सर्व द्रव्यों में न व्यापे (अपने-अपने द्रव्यों में रहे) उसको विशेष गुण कहते हैं । जैसे--- जीवमें चेतना, सम्यक्त्व, चारित्र (सुख वीर्य) आदि; पुद्गल में स्पर्श रस गन्ध वर्ण; धर्म द्रव्य में गति हेतुत्व; अधर्म द्रव्य में स्थिति हेतुत्व; आकाश द्रव्य में अवगाहना हेतुत्व; और काल द्रव्य में वर्तना हेतुत्व, वगैरह। ६२. रूप गुण किसे कहते हैं ? चक्षु इन्द्रिय के विषय को अर्थात वर्ण को रूप गुण कहते हैं। ६३. रूप कितने प्रकार का है ? पांच प्रकार का-काला, पीला, लाल, नीला, सफेद । ६४. क्या नेत्र इन्द्रिय का विषय वर्ण ही होता है ? नहीं वर्ण व आकार दोनों नेत्र इन्द्रिय के विषय हैं परन्तु प्रधान होने से वर्ण को ही रूप गुण कहते हैं आकार को नहीं; क्योंकि आकार तो कदाचित हाथों से टटोलकर भी जाना जा सकता है, पर वर्ण सर्वथा नेत्र का ही विषय है।
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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