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________________ २३२ जैन सहाभारत अत्यन्त सुन्दर पुत्र तुम्हारी ओर ललचाई हुई दृष्टि से देख रहे है। तुम इन में से यथेच्छ किसी एक का वरण कर सकती हो । पर राजकन्या ने उन सब के प्रति भी सहज उपेक्षा भाव प्रकट कर दिया। अब धाय और आगे बढ़ी और कहने लगी। देखो यह मथुरा के महाराज उग्रसेन हैं। यदि तुम चाहो तो इनके गले में वर माला डाल सकती हो । वहाँ से आगे चलते हुए राजपुत्री को बतलाया गया कि वे शौरीपुर के महाराज समुद्र विजय हैं। जो महाराज जरामन्ध के सब से बडे मांडलिक राजा हैं । ये दस भाई हैं जो दशाई के नाम से पुकारे जाते हैं। इस पर रोहिणी ने उनके प्रति गुरुजनोचित आदरभाव व्यक्त कर उन्हे कृतान्जलि नमस्कार कर उनके प्रति श्रद्धा उत्पन्न । कर दी। अब तो परिचय देने वाली धात्री और आगे बढ़ी और उसने क्रम से पाडु, विदुर दमघोष, यशोघोष, दतविक्रम, शल्य, शत्रजय, चंद्राभ, मुख्य, काल मुख, पॉडू, मत्सय, सजय, सोमदत्त, भाईयों से मडित सोमदत्त का पुत्र, भूरिश्रवा, अपने पुत्रों से युक्त राजा अशुमान कपिल, पद्मरथ, सोमक, देनक, श्री देव, आदि राजाओं के गुण और वंश का वर्णन कर कन्या को वर माला डालने के लिये प्रोरित किया। तत्पश्चात् उसके अन्य अनेक राजाओं का परिचय दिया। पर जब उसने किसी के भी गले में वर माला न डाली तो धाय कहने लगी कि-वत्से । मैंने सभी प्रमुख गणों का परिचय दे दिया। तुम ने सब के रूप गुणों को भली-भांति जान लिया और उनको प्रत्यक्ष भी देख लिया अतः उन में से जिस पर तुम्हारा हृदय अनुरक्त हो उसी का सहर्षे वरण करते हुए उसके गले में वर माला डाल दो। देखो । ये समस्त नृपतिगण तुम्हारे सौभाग्य व रूप-गुणों पर मोहित हो यहा उपस्थित हुए हैं। इनमें से जो भी तुम्हारे हृदय के अनुकूल हो उसी को स्वीकार कर कृतार्थ करो। धाय के ऐसे मधुर एवं प्रिय वचन सुन कर रोहिणी ने उत्तर दिया कि-आप ने जो कुछ कहा सब ठीक है। किन्तु जितने राजा महाराजा मुझे दिखाये गये हैं उनमें किसी पर भी मेरा मन नहीं टिकता। जिस के दर्शनमात्र से हृदय का अनुराग न उमड़ पड़े उसके वरण के लिए किसी को प्रेरणा करना व्यर्थ है। यहां पर उपस्थित इन राजाओं के प्रति न मेरा राग है और न
SR No.010301
Book TitleShukl Jain Mahabharat 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShuklchand Maharaj
PublisherKashiram Smruti Granthmala Delhi
Publication Year1958
Total Pages617
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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