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________________ (ग) सहज प्रकम्पन-प्रेक्षा- सिर से लेकर पैर तक प्रत्येक अवयव मे होने वाले सहज प्रकम्पनो का निरीक्षण करें। समय-पाच मिनट से एक घटा तक। २. प्रेक्षा-ध्यान : अनिमेष प्रेक्षा समय-तीन मिनट से सात मिनट तक। ३. भावना-योग (क) एकत्व-अनुप्रेक्षा समय-पांच मिनट से एक घटा तक। (ख) अहम् भावना समय-पाच मिनट से आधा घटा तक। (ग) 'हुँ' भावना समय-पाच मिनट से आधा घटा तक। ४. श्वास-संयम रेचकपूर्वक वाह्य कुम्भक। समय-पाच मिनट तक सुविधापूर्वक जितनी आवृत्तिया हो सके। ५. संकल्प योग प्रात कालीन जागरण के साथ पाच मिनट तक भावना का अभ्यास करे। जिन गुणो का विकास चाहे, उन गुणो की तन्मयता का अनुभव करे-उन गुणो से चित्त को भावित करे। ६. प्रतिक्रमण-योग ___रात्रि-शयन से पूर्व पाच मिनट तक अपनी अतीत की प्रवृत्तियो का सजगतापूर्वक निरीक्षण करे-समय की अपेक्षा से प्रतिलोम निरीक्षण करे। १६२ / मनोनुशासनम्
SR No.010300
Book TitleManonushasanam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1998
Total Pages237
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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