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न पत्तन तागुं-किषि पर पहु परि चतिहि. ॥ १७॥ तुहु सामिन तुहु माह-बप्पु तुहु मित्त पियंकरु, तुहु गश् तुहु मर तुहुजि-ताणु तुहु गुरु स्वेमंकरु, हवं ह मर जा रिन-वराल राड निब्लग्गह, बी एन तुड़ कम कमल-सरणु जिण पालहि चंगह, ॥३०॥ पश् किवि कय नीरोय-लोय किवी पाविय सु हसय, किवि भश्मंत महंत-केवि किवि साहिय सिव पय; किवि गं जिय रिनवग्ग-केवि जसधवलिय नूयल, मइ अवहोरहि केल-पास