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मंग्ग डुग्गर गम वारणु; जय जं तुद जगएस तुल जं जलिय दि यावहु, रम्मु धम्मु सो जयन- पास जय जंतु पियामहु ॥ १५ ॥ जुव पारण्य निवास-दरिय परवरिस देवय जोइलि पूयल खित्त-वाल खुद्दासुर पसुवय; तुह उत्तर सुन टू-सुट्टु बिसंगुलु चिट्ठदि, इय तिहुण वल सीइ-पास पा चाइ पणासहि ॥ १६ ॥ फलि फरा फार फुरंत रयणकर रंजिय नह यल-फलिसी कंदल हल-तमाल नि
मल सामल; कमठासुर नवस