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(७) पास लय 'पंजर कुंजर ॥ १० ॥ पई पालि वियसंत-मित्त पत्नंत प वित्तिय, वाह पवाह पवूढ-रुढ उह 'दाह सुपुलश्य; मन मन्नु सनन्नु पुन्नु अप्पारणं सुरनर, इय तिहु अंण पाणंद-चंद जय पाल जिणे सर ॥ ११ ॥ तुह कल्लारामहेसु घंटटंकारऽवपिल्लिय वल्लिर मल्ल महल्ल-जत्तिसुरवरगंजुल्लिय, हल्ल प्फलिय पवत्त-यंति जुवणेवि महू सव, श्य तिहुश्रण आणंद-चंद जय पाल मुहुन्नव ॥१॥ नि म्मल केवल किरण-नियर विहुरिय