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(७७) जोइस मंत-तंत सिन्नि अपय शिण, नुवरणऽनुनअनविह-सिडि सिज्महि तुह नाजिरा, तुहला मिण अपवित्त-नवि जय होइप विनन, तं तिहुण-कल्लाण-कोस तुह पास निरुत्तल ॥धा खुद्द पनत्त मंत-तंत जंता विसुत्ता, चर थिर गरल गहुग्ग-खग्ग रिन वग्गुं वि गंज; इडिय सब अण-घन नि बार दय करि, रियइ हरउस पास-देन ऽरिय करि केसरि ॥ ५ ॥ . तुद आया अंनेश्-नीम इप्पुदधुर
सुरवर रस्कस जरक फणिंद-विंद