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________________ (२७) दसवाँ सर्ग। c W ..... ४३३ W occ oc c c ( रामका निर्वाण ।) रामका जयभूषण मुनिके पास जाना । .... .... ४२९ राम और सुग्रीवका पूर्वभव। ..... सीता, रावण और लक्ष्मणादिके पूर्वभव ।। कनक राजाकी लड़कियोंके साथ लवणांकुशके लग्न .... भामंडलकी मृत्यु । .... .... हनुमानकी दीक्षा और निर्वाण। दो देवोंका अयोध्या आना लक्ष्मणकी मृत्यु । लवण, अंकुशका दीक्षाग्रहण । .... .... ४४३ रामका कष्ट वर्णन। .... रामका प्रबुद्ध होना। ... रामका दीक्षा लेना। .... रामका प्रतिमा धारण कर रहना । ४४९ रामका अभिग्रह पूर्ण होना। रामको सीतेन्द्रका उपसर्ग करना; रामको केवलज्ञान होना ४५३ नरकमें शंबूक, रावण और लक्ष्मणका दुःख । ..... ४५६ रामका निर्वाण गमन | .... .... .... ४५८ oc oc c c c oc 06 cm. cc 0 occ c . . . . ४५२
SR No.010289
Book TitleJain Ramayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranthbhandar Mumbai
Publication Year
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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