SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 27
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( २६ ) रामके हाथी भुवनालंकार और भरतका पूर्वभव शत्रुघ्नका मथुराको जाना मथुरापति मधुकी मृत्यु. शत्रुघ्नका पूर्वभव सुरनंदादि महर्षियोंका प्रभाव सीतासे उसकी सौतोंका ईर्ष्या करना | सीताको अशुभ की शंका होना । सीतापर कलंक सीताका परित्याग ... **** सीताका पुंडरीकपुरमें जाना रामका सीता को लेने जाना ... ( नवाँ सर्ग । ) ( सीताकी शुद्धि और व्रत ग्रहण । ) .... .... सीताका पुत्र युगलको जन्म देना वज्रजंघ और पृथुराजाका युद्ध लवण और अंकुशका पृथ्वीपुर से प्रस्थान लवण और अंकुशका अयोध्या में जाना रामलक्ष्मण और लवण, अंकुशका युद्ध . नारदका रामको लवण अंकुशका हाल बताना शुद्धि के लिए सीताका अग्निमें प्रवेश करना सीताका दीक्षाग्रहण .200 .... ... ... ... .... **** ३७३ ३८० ३८१ ३८२ ३८६ ३९० ३९२. ३९४ ३९६ ४०१ ४०३. ४०५ ४०७ ४०९ ४११ ४१३ ४१८ ४२० ४२७
SR No.010289
Book TitleJain Ramayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranthbhandar Mumbai
Publication Year
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy