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________________ प्रदेश - एक परमाणु के बराबर का आकाश ; देश का आधा भाग ; अविभाज्य सूक्ष्म अवयव, आकाश की मापइकाई | प्रदेशमोक्ष - कर्म- प्रदेशों की निर्जरा; कर्म-प्रदेशों का अन्य प्रकृतियों में संक्रमण | प्रदेशबन्ध - कर्म - परमाणुओं का आत्म-प्रदेशो के साथ सम्बन्ध । प्रदेशा - कर्मों के दलिको का प्रमाण, एक-एक जीव- प्रदेश को घेरने वाले पुद्गल । प्रभावना - गौरव ; आदर्श पुरुषों के चरित्र से धर्म को प्रकाश में लाना, स्वधार्मिक बन्धुओं को किसी वस्तु या धन से सम्मानित करना । प्रमत्त-- आत्म-स्वभाव के प्रति जागरुकता का अभाव, रागद्वेष-रत । प्रमत्त-संयत-साधक की छठी भूमिका ; सयम के साथ-साथ रागादि की मंद विद्यमानता । प्रमाण - संशय-मुक्त सम्यगुज्ञान, यथार्थ ज्ञान का साधन, परिमाण । प्रमाण - गव्यूति - दो हजार धनुष के बराबर का माप । []
SR No.010280
Book TitleJain Paribhashika Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size3 MB
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