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________________ प्रत्यय - ज्ञान का कारण ; ज्ञेय-पदार्थ । - प्रत्याख्यान - सावद्य कार्यों से निवृत्ति; परित्याग करने की प्रतिज्ञा; आगामी दोषों के त्याग का संकल्प ; पचक्खाण | प्रत्याहार - इन्द्रिय- संयम से उत्पन्न उत्कर्षण ; इन्द्रिय एवं मन की शान्ति । प्रत्येकजीव वनस्पति के आश्रित जीव | प्रत्येकनाम - एक जीव द्वारा एक शरीर की रचना कराने वाला कर्म । G प्रत्येक बुद्ध - ससार या पदार्थ की अनित्यता से उत्पन्न वैराग्य एवं परमार्थ का ज्ञान प्राप्त करने वाला साधु | प्रत्येक बुद्ध सिद्ध - प्रत्येकबुद्ध होकर मुक्त होने वाला जीव । प्रत्येक शरीर - प्रत्येक नाम कर्म के उदय से एक जीव द्वारा एक ही शरीर की रचना | देखें - प्रत्येक नाम । प्रथमानुयोग - चरित्र और पुराण रूप श्रुत । प्रदक्षिणा - परिक्रमा ; कृतिकर्म का दूसरा भेद ; परमात्मा या गुरु को वन्दन करते समय लगाई जाने वाली फेरी । [ ८७]
SR No.010280
Book TitleJain Paribhashika Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size3 MB
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