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________________ उदुम्बर - जीव बहुल फल विशेष ; ऊभर, बड, पीपल, गूलर तथा पाकर -- पाँच अग्राह्य फल | उद्गम - दोष- सदोष - भिक्षा, अपने लिए बनाये हुए भोजन की भिक्षा ग्रहण करना । उद्भिज -- भूमि फोडकर निकलने वाले सम्मूच्छिम जीव । उद्वर्तन - नैरयिक और भवन वासी देवो का मरण । उद्दिष्ट - अपने उद्देश्य से बनाया गया आहार या भिक्षा लेना । उद्दिष्ट त्याग - प्रतिमा - व्यक्ति-विशेष के लिए उद्देश्यपूर्व क नाये गये आहार का त्याग । उपकरण - १. बाह्य इन्द्रिय विशेष साधन, २. साधक की साधन-सामग्री जैसे - संयम - उपकरण, ज्ञान- उपकरण, ; तप - उपकरण | उपगूहन - सम्यग्दर्शन का एक अंग, अपने गुण तथा दूसरो के दोष व्यक्त न करना । उपघात - प्रशस्त ज्ञान में दोषारोपण | उपधान - तपश्चर्या विशेष । S उपधि - १. ज्ञान एवं सयम की आराधना में सहायक उपकरण, २. कषाय की उत्पत्ति के कारणभूत बाह्य पदार्थ । उपनय -- हेतु का उपसंहार । [ २५ ]
SR No.010280
Book TitleJain Paribhashika Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size3 MB
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