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________________ करप्रकर, अर्थ तथा कथा सहित. ८३ को ( जातु के ० ) कोइ समये (वीतस्ष्टहाणां के० ) निःस्पृह एवा ( साधू नामपि के ० ) साधु ने पल ( गौरवपदं के०) गौरवना स्थानरूप ( नवंति के० ) थाय बे. ( यथा के० ) जेम ( श्रीनबाहोः के० ) श्रीनबाहुना उपासको (रुग्नाशात् के० ) रोगने नाश करनार एवां ( उपसर्गहस्त वनतः के० ) उपसर्ग हर स्तोत्रथी गौरवताना स्थानरूप थया तथा ( न तमेषु के० ) उत्तम पुरुषाने विषे ( चंाकव्दिवत् के० ) चंद सूर्य ने मेघनी पेठें. ( सहजं व्रतं के० ) स्वाभाविक व्रत जे वे ते ( विश्वोपकारि ho ) विश्वनो उपकार करनार बे. अर्थात् जेम सूर्य, चंद ने मेघ एत्रणे स्वावेज परोपकारी बे तेम उत्तम जननेविषे पण विश्वने उपकार करनारुं एवं व्रत स्वानाविक होय वे एम जाणी जेवुं ॥ ७० ॥ या श्लोकमां श्वानो दृष्टांत होवाथी तेनी कथा कहे बे. पोलास पुरनगरने विषे सोमदत्त ब्राह्मणना पुत्र नवा अने वाराहमिहर नामे वे नाइ हता. तेणें एकदा गुरुनी वाणी सांजली वैराग्य पामी दीक्षा जीधी वेहु जाइ सर्व शास्त्र ना जाणनारा थया. तेमां नड्बाहुने अधिक गुणवालो जाली गुरु आचार्यपद याप्यं. तेथी वाराहमिहर खेद पामीने दीक्षानो त्याग करीरी पुनः संसारासक्त थयो. एक दिवस वाराहमिहरें राजा पासें खावी कह्युं के, या कुंमाजाने विषे बावन पलनुं मत्स्य व्याकाशमांथी पडशे अने श्रीन बा गुरु कयुं के कुंमथकी बाहेर पडशे. तेवार पढी श्रीनबादुयें जेम hi हतुं तेज प्रमाणें ययुं. एक दिवस वाराहमिहिरें राजाना पुत्रनुं श्रायुर्दा सोवर्षनुं वत्युं ने कह्युं के तमारो पुत्र सो वर्ष जीवशे. त्यारें नश्वातु गुरुयें कयुं के ए सात दिवसज जीवशे यने मार्जारीयकी मरण पामशे तो ते त्रण गुरुना कहेवा प्रमाणेज ययुं. एम स्थानकें स्थानकें वाराहमिहिर ने श्रीन बायें जीत्यो. तदनंतर थोडोक काल रहीने वाराहमिहिर मरण पामीने व्यंतर थयो ते साधु श्रावक वगेरेने महामारीनो उपश्व करवा लाग्यो संघ छावीने श्री बाहुस्वामीने कत्युं के संघमां मनुष्य मरण पामे ले ? ते सां जली गुरुयें उपसर्ग हर स्तोत्र रचीने प्राप्युं तेनो पाठ करवाथी मारीनो उपश्व शांत थयो धरणेंदें श्रीगुरुनी पासेंथी बडी गाथा जंमारे मूकावीने कल्युं के एटलाथीज हुं महारे थानके रहीने सर्वने सान्निध्य करीश ॥ ७० ॥
SR No.010250
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages401
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size44 MB
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