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________________ १५४ जेनकथा रनकोष नाग पाचमो. लो सखा एवो (सुरःअपि के०) देव पण ( मुष्टिना के०) मुठियें करी (कु जीकृतः के०) कुल करी नाख्यो. वली (कर्णस्य के) कर्णराजानी (वि प्रबलात्ता के०) ब्राह्मणनो वेश लश्ने बन करवाथी लीधेली (युधि कला के० ) परशुरामनी पासेथी शीखेती यु६ कला (किं के०) गुं ( निष्फला के०) निष्फल (नअनवत् के) न थ ना थज. अने (वामनतनुः के०) वामनरूप धारण करनारा एवा (श्रीशः के०) लक्ष्मीपति जे विष्णु ते, (बलेः के०) बलिराजाना (बंधनं के०) बंधनने अने (दैन्यं के०) दीनपणाने एटले निदावृत्तिने (किं के०) झुं (न जगाम के०) न पामता हवा ॥ १२५ ॥ या श्लोकमां वीर नगवाननो तथा कर्णराजानो तथा विष्णुनो दृष्टांत होवाथी प्रथम वीरनगवाननी कथा कहे . एक दिवस सौधर्मना अधिपति ये श्रीवीरकुमारना पराक्रमनुं आधिक्य वर्णव्यु,ते सांजलीने कोक देव हतो ते इंना वचनने न सहन करतो तो मायायें करी बालकनुं रूप विकुर्वी ने नोकरानी साथे क्रीडा करवा माटे आव्यो, तेमां एवी सरत करी के जे कोइ हारे, तो ते हारेलो जीतेलाने पोतानी पीउपर उचकीने अमुक स्थान पर्यंत लइ जाय. एम करवाथी श्रीवीरथी देवता हास्यो तेवार ते वां को थश्ने बे हाथ तथा बेदु पग नोंय उपर राखीने रह्यो श्रीवीरनगवान् तेनी पीउपर चडती वेलाज ते देव सात ताड जेटलं नंचं रूप विकर्वीने नंचो थयो तेने श्रीवीरनगवाने एक मुष्टि मारीने कुबडो करी दीधो, ते व खत श्रीवीरनगवाननुं नाम महावीर पाडयु. हवे कर्णनी कथा कहे जे. एक दिवस कर्णराजा कपटथी ब्राह्मणनुरूप लश्ने परशुराम पासें युदविद्या शिखवा गयो कारण के परशुराम एक मा त्र ब्राह्मण शिवाय बीजा कोइने शिखवता नहिं हता. पनी एक दिवस पर शुराम कर्णराजाना नत्संगमा मस्तक मूकी सुश् गया, तेटलामा एक सर्प आव्यो ते कर्णनी जंघामांकरड्यो तो पण जंघा वंची करीनहिं अने लोनी नीक चाली त्यारें परशुराम जाग्या अने पूज्युं के ए हिं रुधिर क्याथी चाल्यु. त्यारे कर्णराजायें सर्व वृत्तांत परशुरामने कहुं ते सांजली परशु रामें जाण्युं जे आ कांही ब्राह्मण नथी परंतु दत्रियज के कारण के क्षत्रिय विना एटर्बु सहनशीलपणुं ब्राह्मणनु होय नहिं के जेने सर्पदंश थवाथी लोइ चाल्युं परंतु जरा पण मनमां नय आण्युं नहिं माटे जरूर था क्षत्रि
SR No.010250
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages401
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size44 MB
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