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________________ २२८ २३१ २३४ २३८ २५० २५८ २५६ २६० २६२ २६६ २६८ २७५ २७७ २८० २८१ (अठारह) ९ मुक्ति-मन्दिर आचार्य मानतुग १० कोविद-कुलालकार आचार्य अकलक ११ चरित्न चिन्तामणि आचार्य जिनदास महत्तर १२ अमेय मेधा के धनी आचार्य हरिभद्र १३ वरिष्ठ विद्वान् आचार्य बप्पट्टि १४ उदात्त चिन्तक आचार्य उद्योतन (दाक्षिण्याक) १५ विश्रुत व्यक्तित्व आचार्य वीरसेन १६ जिनवाणी सगायक आचार्य जिनसेन १७ वाग्मय-वारिधि आचार्य विद्यानन्द १८ अध्यात्मनाद आचार्य अमृतचन्द्र १६ सिद्धि-सोपान आचार्य सिद्धर्षि २० साहित्य-सुधाशु आचार्य शीलाक २१ शास्त्रार्थ-निपुण सूराचार्य २२ धर्मोद्योतक आचार्य उद्योतन २३ स्वस्थ परम्परा-सपोषक आचार्य सोमदेव २४ अमित प्रभावक आचार्य अमितगति २५ महिमा-मकरन्द आचार्य माणिक्यनन्दि २६ न्याय-निकेतन आचार्य अभयदेव २७ शारदा-सूनु आचार्य वादिराज २८ शिव-सुख-आलय आचार्य शान्ति २६ प्रभापुज आचार्य प्रभाचन्द्र ३० सिद्धान्त-चक्रवर्ती आचार्य नेमिचन्द्र ३१ जग-वत्सल आचार्य जिनेश्वर ३२ आस्था-आलम्बन आचार्य अभयदेव (नवागी टीकाकार) ३३ जनवल्लभ आचार्य जिनवल्लभ ३४ उर्जाकेन्द्र आचार्य अभयदेव ३५ वर वर्चस्वी आचार्य वीर ३६ जनप्रिय आचार्य जिनदत्त ३७ नितान्त नवीन आचार्य नेमिचन्द्र३८ समाधि-सदन आचार्य शुभचन्द्र ३६ प्रेक्षापयोद (मल्लधारी) आचार्य हेमचन्द्र ४० विद्वद्वडूर्य आचार्य वादिदेव ४१ ज्ञानपीयूप पाथोधि आचार्य हेमचन्द्र, ४२ मनीषा-मेरु आचार्य मलय गिरि २८५ २८७ २८८ २८६ २६१ २६३ २६५ २६६ २६८ ३०४ ३०६ ३०७ ३०६ ३११ ३१३ ३१७ ३२० ३२६
SR No.010228
Book TitleJain Dharm ke Prabhavak Acharya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSanghmitrashreeji
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1979
Total Pages455
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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