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________________ [ ख ] जन-जन मे सत्तत्त्व-प्रसार, नैतिक जागरण की प्रेरणा तथा जन-सेवा का उद्देश्य लिये चलनेवाले इस ट्रस्ट के संस्थापन द्वारा प्रमुख समाजसेवी, साहित्यानुरागी श्री हनूतमलजी सुराना ने समाज के साधन-सम्पन्न व्यक्तियों के समक्ष एक अनुकरणीय कदम रखा है। इसके लिए उन्हें सादर धन्यवाद है । ___ आदर्श साहित्य संघ, जो सत्साहित्य के प्रकाशन एवं प्रचार-प्रसार का ध्येय लिये कार्य करता आ रहा है, इस महत्त्वपूर्ण प्रकाशन का प्रवन्धमार ग्रहण कर अत्यधिक प्रसन्नता अनुभव करता है। ___ आशा है, जैन न्याय में प्रवेश पाने में यह पुस्तक लाभकारी सिद्ध होगी। सरदारशहर (राजस्थान) आपाढ़ कृष्णा ११, २०१५ जयचन्दलाल दफ्तरी व्यवस्थापक आदर्श साहित्य संघ,
SR No.010217
Book TitleJain Darshan me Praman Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChhaganlal Shastri
PublisherMannalal Surana Memorial Trust Kolkatta
Publication Year
Total Pages243
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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