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________________ 25] जैन दर्शन में प्रमाण मीमांसा पदार्थ की कोटि में आती है । पदार्थ अपनी गुणात्मक सत्ता की दृष्टि से नित्य है और अवस्थाभेद की दृष्टि से अनित्य । इसलिए उसका समष्टि रूप बनता है —— पदार्थ नित्य भी है और अनित्य भी । यह सम्यक् ज्ञान है इसके विपरीत - पदार्थ नित्य ही है अथवा पदार्थ अनित्य ही है - यह विपर्यय ज्ञान है । ( अनेकान्त दृष्टि से कहा जा सकता है कि 'पदार्थ कथंचित् नित्य ही है, कथंचित् अनित्य ही है।' यह निरपेक्ष नहीं किन्तु कथचित् यानी गुणात्मक सत्ता की अपेक्षा नित्य ही है और परिणमन की अपेक्षा अनित्य ही है । ) पदार्थ नष्ट नहीं होता, यह प्रमाण सिद्ध है। उसका रूपान्तर होता है, यह प्रत्यक्षसिद्ध है । इस दशा में पदार्थ को एकान्ततः नित्य या अनित्य मानना सम्यग् -1 [ निर्णय नही हो सकता । विपरीत ज्ञान के सम्बन्ध में विभिन्न दर्शनों में विभिन्न धारणाएं हैं :-- सख्यि योग और मीमांसक (प्रभाकर) इसे 'विवेकाख्याति या श्रख्यांति वेदान्त अनिर्वचनीय ख्याति २५, बौद्ध ( योगाचार ) 'आत्म- ख्याति ६' कुमारिल (भट्ट), नैयायिक- वैशेषिक 'विपरीतख्याति २७ या ( अन्यथा 6 ख्याति ) और चार्वाक अख्याति ( निरावलम्बन ) कहते हैं । जैन- दृष्टि के अनुसार यह 'सत् असत् ख्याति' है । रस्सी मे प्रतीत होने वाला सॉप स्वरूपतः सत् और रस्सी के रूप मे असत् है । ज्ञान के साधनों की विकल दशा में सत् का असत् के रूप में ग्रहण होता है, यह 'सदसत्ख्याति' है। संशय ८ " ग्राह्य वस्तु की दूरी, अंधेरा, प्रमाद, व्यामोह आदि-आदि जो विपर्यय के कारण बनते है, वे ही संशय के कारण हैं । हेतु दोनो के समान हैं फिर भी उनके स्वरूप में बड़ा अन्तर है । विपर्यय में जहाँ सत् मे असत् का निर्णय होता है, वहाँ संशय में सत् या असत् किसी का भी निर्णय नही होता । संशय ज्ञान की एक दोलायमान अवस्था है। वह 'यह या वह' के घेरे को तोड़ नहीं सकता | उसके सारे विकल्न अनिर्णायक होते हैं । एक सफेद चार पैर और सोग वाले प्राणी को दूर से देखते ही मन विकल्प से भर जाता है- क्या यह गाय, है अथवा गबय — रोक ! 'निर्णायक विकल्प संशय नहीं होता, यह हमें याद रखना होगा | पदार्थ के
SR No.010217
Book TitleJain Darshan me Praman Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChhaganlal Shastri
PublisherMannalal Surana Memorial Trust Kolkatta
Publication Year
Total Pages243
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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