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________________ ( १४५ ) २ छव द्रव्य में रूपो कितना अरूपी कितना जीव, धर्मास्ति, अधर्मास्ति आकाशास्ति, काल,ए पांच तो अरूपी छै, पुद्गल रूपो छ । ३ छव द्रव्य में आज्ञा मांहि कितना ओज्ञा बाहर कितना जीव तो आज्ञा मांहि बाहर दोन छै, बाको पांच आज्ञा मांहि बाहर दोनं नहीं। ४ छव द्रव्य में चोर कितना साहकार कितना जीव तो चोर साहूकार दोनं है, बाकी पांच द्रव्य चोर साहूकार दोनं नहौं, अजीव छ। ५ छब द्रव्य मं सावध कितना निरवद्य कितना एक जीव द्रव्यतो सावद्य निरवद्य दोन है, बाको पांच द्रव्य सावद्य निरवद्य दोन नहौं । ६ छव द्रव्य में एक कितना अनेक कितना धर्मा-- स्ति, अधर्मास्ति, आकाशास्ति,ए तीनों तो एक ही द्रव्य छै , काल, जीव, पुद्गलास्ति ए तीन अनेक छै, इणांका अनन्ताद्रव्य छ । ७ छव द्रव्यमें सप्रदेशी कितना अप्रदेशी कितना एक काल तो अप्रदेशौ है, बाकी पांच सप्रदेशी छै,।
SR No.010206
Book TitleJain Bhajan Sangraha 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFatehchand Chauthmal Karamchand Bothra Kolkatta
PublisherFatehchand Chauthmal Karamchand Bothra
Publication Year
Total Pages193
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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