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________________ जैनवालगुटका प्रथम माग '१८-अरनाथ के मछली का चिन्ह । पहिला भव सर्वार्थसिद्धि जन्म नगरी हस्तनापुर पिता का नाम सुदर्शन माता का नाम मित्रसेनादेवी काय ऊंचो ३० धनुप रंग स्वर्ण समान पोला आयु८४ हजार वर्ष दीक्षावृक्ष आन आम) गणघर ३० निर्वाण आसन खड़गासन निर्वाण स्थान सम्मेदशिखर, अंतर इनसे पैंसठलाख चौरासी हजार वर्षघाट हजारकोटिवर्पगये मल्लिनाथ नये नोट-मरनाथ तीर्थकरचक्रवर्ती और कामदेव तोनपदवीकेधारी भये १९-मल्लिनाथ के कलश का चिन्ह । पहिला भव विजय नाम पहिला अनुत्तर विमान जन्म नगरीमिथिला पुरी पिता का नाम कुम्न माता का नाम प्रजावतो काय ऊंत्री २९ धनुष रंग स्वर्ण समान पोला माय५५ हजार वर्ष दीक्षा वृक्ष अशोक गणधर ०८ निर्वाण आसन खड़गासन निर्वाण स्थान सम्मेदशिखर, अन्तर इनके पीछे ५४ लाख वर्प गये श्रीमुनिसुव्रतनाथ भये। नोट-मल्लिनाथ बालब्रह्मचारी भये न विवाह किया न राज्य किया कुमार अवस्था में हो दीक्षा ली ॥ . २०-मुनिसुव्रतनाथ के कछचेका चिन्ह । पहिला भव अपराजित नामा चौथा अनुत्तर विमान जन्म नगरी कुशाननगर अथवा राज्यमही पिता का नाम सुमित्र माता का नाम पदमावती (सोमानामादेवी) काय ऊंची २० धनुप, रंग अञ्जन गिरि (सुरमे का पहाड) समानश्याम आयु ३० हजार वर्ष दीक्षावृक्ष चंपक (चंलो गणधर १८ निर्वाण आसन खड़गासन निर्वाण स्थान सम्मेदशिखर, * अन्तर इनक पीछे ६ लाख वर्ष गये नमिनाथ भये । २१-नमिनाथ के कमल का चिन्ह । पहिला भव प्राणत नामा १४ वां स्वर्ग जन्म नगरी मिथिलापुरी पिता का नाम विजय माता का नाम वमा काय ऊंची २५ धनुषरंग स्वर्णसमान पीला आयु १० हजार वर्ष दीक्षा वृक्ष चौलश्री गणधर १७निर्वाण आसन खड़गासन निर्वाण स्थान सम्मेदशिखर, भन्तर इलबे ५ लाख वर्ष गये पीछे नेमिनाथ भये । XNX RIGHT
SR No.010200
Book TitleJain Bal Gutka Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanchand Jaini
PublisherGyanchand Jaini
Publication Year1911
Total Pages107
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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