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________________ जैनयालगुटका प्रथम भाग। १५-धर्मनाथ के वज़दण्डका चिन्ह । पहिला व पुष्पोतर विमान जन्म नगरी रत्नपुरी पिताका नाम भानु माताका नाम सुप्रभादेवी। काय ऊंची ४५ धनुष रंग स्वर्ण समान पीला आयु १०लाख वर्ष वीक्षा वृक्ष दधिपर्ण, गणघर ४३ निर्वाण भासन खड़गासन निर्वाण स्थान सम्मेदशिखर, अंतर इन से पौणपल्य घाट तीन सागर गए पीछे शांतिनाय भए । १६-शान्तिनाथ के हिरण का चिन्ह । पहिला भवं पुष्पोत्सरविमान जन्म नगरी हस्तनापुर पिताका नाम विश्वसन माता का नाम ऐरादेवी(अजितारानी)काय ऊंची ४० धनुपरंग स्वर्ण समान पोला आयु एक लाख वर्षदीक्षा वृक्षनंदी गणधरनिर्वाण आसन खड़गासन निर्वाण स्थानसम्मेद शिखर, अन्तर नसे आध पल्य गये पीछे कुन्थुनाथभये । शांतिनाथतीर्थंकरचक्रवर्ती और काम देव तीन पदवीके धारी भये। १७-कुन्थुनाथ के बकरे का चिन्ह । : पहिला भव पुष्पोत्तरविमान जन्म नगरी हस्तनापुर पिताका नाम सूयं माता का नाम श्रीकांतादेवी, काय ऊंची ३५ धनुष रंग स्वर्ण समान पीला आयु २५हजार वर्ष दीक्षावृक्ष तिलक गणधर३५निर्वाण आसन खड़गासननिर्वाणस्थान सम्मेदशिखर,अंतर इनसे छ हजार कोटिवर्ष घाट पावपल्य गए पोछे अरनाथ भये। नोट-कुंथुनाथ तीर्थंकर चक्रवर्ती और काम देष तीन पदधी के धारी भये। S PARACETAMIN
SR No.010200
Book TitleJain Bal Gutka Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanchand Jaini
PublisherGyanchand Jaini
Publication Year1911
Total Pages107
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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