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________________ (परिशिष्ट) पूज्य श्री धनाजी महाराज का परिवार पूज्य श्री धर्मदासजी महाराज के शिष्यो मे श्री धन्नाजी महाराज भी एक प्रमुख थे । आपका जन्म मारवाड के सांचोर ग्राम में मूथा बाधा शाह के यहा हुआ था। सं० १७२७ में पूज्य श्री धर्मदासजी महाराज के पास आपने दीक्षा ली। आप बड़े तपस्वी ओर जानी थे। गुजरात से मारवाड़ में पधार कर आपने वड़ा धर्मोद्योत किया । मारवाड के मेड़ता ग्राम मे आपका स्वर्गवास हुआ था। आपके बड़े शिष्य पूज्य भूधरजी महाराज' हुए, जिनकी शिष्य परम्पराएं आज भी विद्यमान है। पूज्य भूधरजी महाराज का जन्म मारवाड़ के ग्राम सोजत मे हुआ। आपने सवत् १७७३ मे पूज्य श्री धनाजी के पास दीक्षा ली और सवत् १८०४ में स्वर्गवासी हुए । आपके ४ बड़े शिष्य हुए जिनकी शिष्य परम्पराएं इस प्रकार हैं - आचार्य भूधरजी महाराज की परम्पराएं (१) पूज्य श्री रघुनाथजी महाराज की समुदाय की प्राचार्य परम्परा १. पूज्य श्री धनाजी महाराज २. , भूधरजी , ,, रघुनाथजी ॥ ४. , टोडरमलजी , ,, दीपचन्दजी " भैरोदासजी , जैतसीजी फौजमलजी , , संतोषचन्द्रजी , . .. (१) आप बड़े तपस्वी और प्रभावशाली प्राचार्य थे। . Maduri
SR No.010198
Book TitleJain Acharya Charitavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj, Gajsingh Rathod
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year1971
Total Pages193
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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