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________________ १४४ प्राचार्य चरितावलो (६) श्री ज्ञानचन्दजी महाराज (१०) पूज्य छगनलालजी महाराज (११) श्री रोड़मलजी महाराज (१२) श्री पेमराजजी महाराज (१३) श्री गणेशमलजी महाराज (खादी वाले) यादि दक्षिण मे विचरते है। श्री रामकुमारजी महाराज के शिप्य राम निवासजी माधोपुर की तरफ विचरते है । शाखा (प्रा) कोटा समुदाय की प्राचार्य परम्परा (१) श्री हरदासजी महाराज (२) पूज्य श्री गोदाजी महाराज (३) पूज्य श्री परसरामजी महाराज (४) पूज्य श्री खेतसीजी (५) पूज्य श्री खेमसीजी (६) श्री फतेहचन्दजी (७) श्री अनोपचन्दजी महाराज (सम्प्रदाय इनके नाम से चलती है) (८) श्री देवजी महाराज (8) श्री चम्पालालजी महाराज (१०) श्री चुन्नीलालजी म० । (११) श्री किशनलालजी म० । (१२) श्री वलदेवजी म० । (१३) श्री हरकचन्दजी महाराज मुनि मागीलालजी महाराज इनकी परम्परा में अव साधु नही रहे । परिशिष्ट द्वितीय शाखा पूज्य श्री हुक्मीचन्दजी महाराज की समुदाय के (अ) विभाग की प्राचार्य परम्परा श्री पूज्य केशवजी । श्री कु वरजी यति ।
SR No.010198
Book TitleJain Acharya Charitavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj, Gajsingh Rathod
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year1971
Total Pages193
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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