SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 373
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पाँचवाँ अध्याय ] राजनीतिसिद्ध कर्म। ३४२ असभ्य जातियोंके प्रति सभ्य जातियोंका कर्तव्य । सभ्य जातियोंको परस्पर एक दूसरेसे जैसा व्यवहार करना उचित है, असभ्य जातियोंके साथ सभ्य जातियोंका व्यवहार उसकी अपेक्षा और भी उदारतासे पूर्ण होना चाहिए । संख्यामें या बलमें इस समय पृथ्वी पर ऐसी कोई भी असभ्य जाति नहीं है, जिसे डर कर सभ्य जातियोंको चलना पड़े। असभ्य जातियोंको क्रमशः शिक्षित और सभ्य बनाना ही सभ्य जातियोंका लक्ष्य होना उचित है। उसमें जो परिश्रम होगा और धन लगेगा उसकी अपेक्षा उनके साथ वाणिज्यका आदान-प्रदानसे, अधिक लाभ होगा । इसके सिवा असभ्य जातियोंको शिक्षित और सभ्य बनानेमें शिक्षा देनेवालोंको जो जातीय गौरव प्राप्त होता है, उसका भी मूल्य कम नहीं है।
SR No.010191
Book TitleGyan aur Karm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRupnarayan Pandey
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1921
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size65 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy