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________________ पाँचवाँ अध्याय ] ज्ञानकी सीमा। छठी इन्द्रियका अभाव और पाँचों इन्द्रियोंकी शक्तिकी अपूर्णता होनेसे हमारे लिए बहिर्जगत्के अनेक विषयोंको जाननेका कोई उपाय नहीं है, और वह ज्ञान हमारी देहयुक्त अवस्थामें हमारे ज्ञानके बाहर ही रहेगा। देहपिञ्जरसे मुक्त होने पर आत्माके ज्ञानकी सीमा बढ़ेगी या नहीं, यह भी हम नहीं जानते। ___ और एक विषयमें हमारे ज्ञानकी सीमा अत्यंत संकीर्ण है। हमारी जाननेकी इच्छा हमको सदा " क्या है ?" और " क्यों है ?", ये दोनों प्रश्न पूछनेकी प्रेरणा किया करती है । प्रथम प्रश्न सभी विषयोंका स्वरूप और दूसरा सब विषयोंका कारण निरूपित करना चाहता है। दोनोंमेंसे किसी प्रश्नका सम्पूर्ण उत्तर हम नहीं पाते । प्रथम प्रश्नका उत्तर कुछ कुछ पाया जाता है, अर्थात् ज्ञातव्य विषय अन्तजगत्का हुआ तो अन्तर्दृष्टिके द्वारा, और बहिर्जगत्का हुआ तो इन्द्रियों के द्वारा, उसका या उसके विषयका कुछ ज्ञान उत्पन्न होता है। किसी किसीके मतमें वह ज्ञेयविषयका यथार्थ स्वरूपज्ञान नहीं है, वह स्वरूपका आभासमात्र है। मगर मुझे जान पड़ता है, यहाँतक सन्देह करनेका कोई कारण नहीं है । और यद्यपि हमें किसी भी विषयका संपूर्ण स्वरूप-ज्ञान नहीं होता-तथापि जो कुछ हम जान सकते हैं वह ज्ञेय विषयका आंशिक स्वरूप अवश्य होता है। दूसरे प्रश्नका ठीक उत्तर पाना और भी कठिन है। अर्थात् कोई ज्ञातव्य विषय क्यों हुआ, उसका कारण क्या है, इसके सम्बन्धमें, यथार्थमें, हम बहुत थोड़ा ही जानते हैं। अगर ज्ञातव्य विषय अन्तर्जगत्से सम्बन्ध रखनेवाला हुआ, तो आत्मासे पूछने पर अक्सर कुछ उत्तर पाया जाता है। और जो विषय बहिर्जगत्का हुआ तो संपूर्ण उत्तर पानेकी संभावना कभी नहीं है, और अक्सर कुछ भी उत्तर नहीं मिलता। दो एक दृष्टान्त देनेसे यह बात और भी स्पष्ट होजायगी। पहले अन्तर्जगत्का दृष्टान्त लीजिए । “ मैं जिस विषयकी आलोचना कर रहा हूँ उस विषयकी आलोचनामें क्यों प्रवृत्त हुआ ?", यह प्रश्न आप ही अपनेसे पूछने पर यह सहज उत्तर पाता हूँ कि "मेरी इच्छा हुई, इस लिए।" किन्तु इस उत्तरके भीतर एक और अत्यन्त कठिन प्रश्न उठता है कि “ इच्छा होनेसे इच्छाके अनुरूप कार्य क्यों होता है ? ” जबतक हममें
SR No.010191
Book TitleGyan aur Karm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRupnarayan Pandey
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1921
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size65 MB
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